मुझे लौटा दो पिकनिक का वो ज़माना। मुझे लौटा दो पिकनिक का वो ज़माना।
एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझाने की कोशिश करता है... एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझ...
यही तो है बस चार पल मस्ती के, आजादी के इट्स टाइम टू से गुड इवनिंग ! यही तो है बस चार पल मस्ती के, आजादी के इट्स टाइम टू से गुड इवनिंग !
शाम मस्त, ये मस्त शाम है, मस्त शाम है ! शाम मस्त, ये मस्त शाम है, मस्त शाम है !
चिंटू लाल चिंटू लाल। करते घर में बहुत धमाल।। चिंटू लाल चिंटू लाल। करते घर में बहुत धमाल।।
~~ सर्दी कुछ कह जाती है ~~ ~~ सर्दी कुछ कह जाती है ~~